सोमवार, 22 जनवरी 2018

"बसंत" देखो ऋतूराज का आगमन हो गया....नीतू ठाकुर



इंद्रधनुषी ह्रदय का गगन हो गया 
देखो ऋतूराज का आगमन हो गया 

सारी मायूसियाँ अब विदा हो गई 
मातमी सारा मंजर फ़ना हो गया
घाव पतझड़ के फिर सारे भरने लगे 
खुशनुमा आज सारा चमन हो गया 

इंद्रधनुषी ह्रदय का गगन हो गया 
देखो ऋतूराज का आगमन हो गया 

धूप की न तपिश शीत का न प्रहार 
उनके आने से मौसम हुआ खुशग़वार 
नव सृजित खेत खलिहान, बन भी हरा 
फूलों से सज गई है ये सारी  धरा  

इंद्रधनुषी ह्रदय का गगन हो गया 
देखो ऋतूराज का आगमन हो गया 

हर तरफ आज ऋतू यूँ सुहानी हुई 
महकी महकी हवाएं दीवानी हुई 
आज कोयल ने छेड़ी है सरगम नई 
आज संध्या भी कितनी नूरानी हुई 

इंद्रधनुषी ह्रदय का गगन हो गया 
देखो ऋतूराज का आगमन हो गया 

                  - नीतू ठाकुर 





19 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर रचना....
    ऋतुराज के आगमन पर हृदय का इंद्रधनुषी हो जाना,...बेहतरीन कल्पनाशीलता।

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    1. आदरणीय बहुत बहुत आभार।
      आप की प्रतिक्रिया सदा ही उत्साहित करती है।

      हटाएं
  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (23-01-2018) को "जीवित हुआ बसन्त" (चर्चा अंक-2857) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    बसन्तपंचमी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    उत्तर
    1. आदरणीय बहुत बहुत आभार।
      लेखन सार्थक हुआ।

      हटाएं
  3. सुंदर काव्य सृजन नीतू जी 👌👌👌👌👌

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    उत्तर
    1. बहुत बहुत आभार।
      आप की प्रतिक्रिया सदा ही उत्साहित करती है।
      लेखन सार्थक हुआ।

      हटाएं
  4. बसंत का सुखद और प्रेम भरा आगमन
    बहुत सुंदर रचना
    बधाई
    सादर

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आदरणीय बहुत बहुत आभार
      सुंदर प्रतिक्रिया के लिए

      हटाएं
  5. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  6. बसंत का आगमन ख़ुशियों की बहार ले के आता है ...
    कोयल के गीत और हवाओं में महक उठने लगी है ... पीली सरसों खिलने लगी है ...

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  7. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक ५ फरवरी २०१८ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत सुंंदर शब्दों और भावों का सृजन...

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद
      मन खुश कर गई आप की प्रतिक्रिया।

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  9. वाह !!!
    बहुत ही सुन्दर,
    लाजवाब रचना

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  10. बहुत सुन्दर रचना , ऋतुराज के आगमन पर मन का इन्द्रधनुष हो जाना बहुत सुन्दर कल्पना है

    जवाब देंहटाएं

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